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Monday, June 13, 2011

मीडिया और सरकार सदियों से अफवाह फैलाती आ रही हैं

स्वामी रामदेव के आन्दोलन से यह तो ज्ञात हो ही गया हैं कि भारत देश में भ्रस्टाचार बिलकुल नहीं हैं. क्योंकि अगर भारत में भ्रस्टाचार होता तो जनता स्वामी रामदेव के साथ होती. दिल्ली पुलिस के डंडे के डर ने जनता के दिमाग से भ्रस्टाचार नामक कीटाणु को दूर कर दिया.

लेकिन एक बात समझ में नहीं आती, कि समय -समय पर मीडिया भ्रस्टाचार के मुद्दों को प्रमुख खबर क्यों बना देती हैं. बहुत ज्यादे तो नहीं मगर जितना मुझे याद हैं कि लालू प्रसाद यादव , कुछ दिनों जेल में रहने के बाद आज इज्जत पूर्वक चैन कि रोटी खा रहे हैं , मीडिया और सरकार ने बेवजह उन्हें चारा घोटाला , और ना जाने कौन -कौन से घोटाले में बदनाम कर दिया.

राजीव गाँधी का बोफोर्स घोटाला, नरसिंह राव का घोटाला, बूटा सिंह का मामला, जार्ज फर्ना डीज का ताबूत घोटाला, जयललिता के घर से एक हज़ार जोड़ी जुती बरामद करना, मायावती के उपर फर्जी आरोप लगाना कि (यमुना एक्सप्रेसवे और ताज एक्सप्रेसवे ) . आदर्श सोसाइटी घोटाला. दिल्ली में कलमाड़ी , राजा, कनिमोझी को बेवजह तिहाड़ जेल में रखना. और भी ना जाने क्या-क्या .

इतना सब कुछ के बावजूद केंद्र सरकार में कंही घोटाला नहीं होता हैं, भारत कि जनता अपने नेतावो पर आंख बंद कर के भरोसा करती हैं. भारत में अधिकारी हो या चपरासी सब के सब इमानदार हैं, नेता हो मंत्री , ठेली पर सब्जी बेचने वाला हो या बड़े उद्योग घराने सब इमानदार और देश के प्रति सजग और संवेदन शील हैं.

फिर बेवजह मीडिया और विपक्ष अपनी-अपनी रेपो बढ़ाने के लिए हंगामे करता रहता हैं. एक बात और हर भगवा धारी R S S और B J P का मोहरा होता हैं. मुसलमान अपने -आप को इनसे दूर ही रखना चाहता हैं.

5 comments:

  1. सही बात, सब गोलमाल है सब गोलमाल है|

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  2. भाई सोनिया गांधी के भक्तो के लिये भ्रष्टाचार,देश की बर्बादी ये सब तो कोई मुद्दा है ही नही.

    उनको तो बस सोनिया गांधी और अमूल बेबी के चरणो मे ही आनन्द आता है.

    इन भक्तो की अपनी मालकिन के प्रति जो वफादारी है उसके सामने कुत्ते की वफादारी भी फेल है.
    और जो कोई उन्हे ऐसा करने से रोकता है उसका वो काम तमाम करके ही दम लेते है.

    ब्लाग जगत मे भी ऐसे चापलूस बहुत भरे हैँ.

    बाबा रामदेव ने इनकी मालकिन और अमूल बेबी के खिलाफ मोर्चा क्या खोला.

    ये लोग तो बाबा को ही काटने दौड़ पड़े.
    और अभी तक अपनी कलम घिस रहे है और बाबा के खिलाफ पकाऊ लेख लिख रहे है.

    सोच रहे होँगे कि शायद मैडम चापलूसी से खुश होकर दिग्विजय की तरह कोई भौकने वाला पद दे दे.

    जय हो चापलूसी की.

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  3. सिर्फ सरकार और मीडिया ही क्‍यों, हम कहां किसी से कम हैं। अफवाह फैलाना मानव मात्र की प्रवृत्ति है, जो अपने निहित स्‍वार्थों की पूर्ति के लिए यह कर्म करता रहता है1

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    हॉट मॉडल केली ब्रुक...
    नदी : एक चिंतन यात्रा।

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