Pages

Sunday, October 17, 2010

हे राम कंहा हैं आप - तारकेश्वर गिरी.

हे राम कंहा हैं आप ,

हर तरफ हाहाकार , लुट, घोटाले,
पूरी दुनिया में रावण घूम रहा हैं , हे राम कंहा हैं आप.

सीता का पता नहीं, सुपनखा लिए तलवार,
महिलावो कि इज्जत हो रही हैं तार-तार , हे राम कंहा हैं आप.

हर साल रावण मरता हैं, रावण के हाथो,
हर इन्सान में बस गया हैं रावण , हे राम कंहा हैं आप.

जाती- पति , हिन्दू - मुस्लिम , मंदिर - मस्जिद ,
रोज रोज एक नई बीमारी , हे राम कंहा हैं आप.

सैकड़ो सोने कि लंका , इस भारत वर्ष में
कितने रावण और जन्म लेंगे इस धरती पे, हे राम कंहा हैं आप.

12 comments:

  1. अच्छी रचना !

    विजयादशमी की बहुत बहुत बधाई !!

    ReplyDelete
  2. राम हम और आप के भीतर है लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों में वह जागेगा तब जब उनकी सीता का हरण किसी रावण द्वारा किया जायेगा और कोई हनुमान उनकी सहायता में खड़ा होगा ....

    ReplyDelete
  3. अच्छी सी कविता.....

    विजयदशमी की शुभकामनायें आपको भी....

    ReplyDelete
  4. राम और रावण दोनों हमारे अन्दर ही हैं. हम किस तरह से व्यहार करते हैं, और क्या सोचते हैं ये सब हमारे उपर हैं.

    विजयदशमी कि शुभकामनायें

    ReplyDelete
  5. मंदिर मस्जिद तो एक बहाना हैं,
    आओ एक कदम उठाएं
    अपनी पीढ़ी को इन्सान बनाना हैं

    ReplyDelete
  6. हर साल जलता हैं रावण
    लोगो के हाथो से ,

    कभी किसी ने अपना हाथ भी
    धुला हैं घर जा करके ..

    ReplyDelete
  7. जो मारते हैं तीर रावण के सीने में,
    क्या दिल धड़कता हैं उनके भी सीने में.

    ReplyDelete
  8. आज जब किसी सीता का हरण होता हे तो हम चुप रहते हे, यह कोन सी हमारी मां, बहिन हे, अगर उसे हम अपनी ही बेटी बहिन समझे ओर लडे तो राम राज आ जायेगा, क्योकि राम तो हम सब के रोम रोम मै बसा हे

    ReplyDelete
  9. हे राम कहा है आप बहुत समय से आपने पुकारा है लेकिन हमें ही राम क़े आदर्शो पर चलना होगा तभी समाधान होगा.

    ReplyDelete
  10. राम का सिर्फ आह्वान ही नही करना है, उनके आने के लिए हमे वातावरण भी बनाना है, ध्यान रहे श्री राम जी के आने तक दण्डकारन्य मे अगस्त्य मुनि ने ज्ञान और संस्कृति की ज्वाला जलाए रखी। हमारा भी दायित्व है कि श्रीराम का सिर्फ इंतजार न करें अपितु अपने तरफ से उनके आगमन की तैयारी भी करें।

    ReplyDelete
  11. "सर्वत्र रमते इति राम:"

    ReplyDelete
  12. बढ़िया आवाहन !
    शुभकामनायें !

    ReplyDelete