मुसलमान और अरबी, बिलकुल सही बात है , मुसलमान दुनिया के किसी भी कोने में रहे, सिर्फ अरबी सभ्यता को मानता है। खास करके भारतीय मुसलमान , जिनकी इज्जत बाकि मुष्लिम देश नहीं करते। वो भारतीय मुसलमान अपने आप को भारतीय संस्कृत और सभ्यता से दूर करते जा रहे हैं. हमारे देश के मुसलमान ये भूल रहे हैं की वो भारतीय हैं।
और येही वजह है की भारत में मुसलमान आज भी पीछे हैं.
Thursday, February 25, 2010
चाहे कितने भी मुसलमानों को मारो, मुस्लमान रोज बढेगा.
चाहे जो कर लो , आतंक वाद का सहारा लेकर कर के, जितने मर्जी मुसलमान मारो, नया मुसलमान रोज पैदा होगा.
ये कहना है श्रीमान डॉ जाकिर नाइक का।
Peace T. V. के एक प्रोग्राम मैं डॉ नाइक धर्म परिवर्तन करा रहे थे , जगह थी , Azam Campus , Pune. लेकिन क्या जाकिर साहेब ये बता सकते हैं की धर्म परिवर्तन इतना जरुरी क्यों है। और अगर इतना ही जरुरी है तो उन कट्टरपंथियों का दिमाग और दिल परिवर्तन क्यों नहीं करते जो की इस्लाम के नाम पर कलंक है। रोज सैकड़ो लोग मारे जा रहे है, शिया और सुन्नी के नाम रोजाना कत्ले आम किया जा रहा है. पर उनका दिल परिवर्तन क्यों नहीं करते। दो सिखों का सर कलम कर दिया , उनकी क्या गलती थी , क्या वो इन्सान नहीं थे। मुस्लमान अगर अपने धर्म का इतना ही कट्टर है तो क्या धर्म सिर्फ सजा देने के लिए होता है।
मुझे तो लगता है की डॉ नाइक के पूर्वजो ने डॉ नाइक को हिन्दू परिवार मैं पैदा कर के ही गलती की है। डॉ नाइक को भारत से कोई प्यार नहीं है उन्हें सिर्फ अपने धर्म से प्यार है। नाइक के अन्दर से देश भक्ति नहीं बल्कि गद्दारी की बू आती है। अपने ही संस्कार और अपनी ही संस्कृत बेच खाई है डॉ नाइक ने। डॉ नाइक, अगर अपने आप को इतना बड़ा विद्वान समझते है तो धर्म के साथ -साथ अपनी भारतीय संस्कृत का भी प्रचार करते। लेकिन नहीं उन्हें तो अरबियन संस्कृत से प्यार हो गया है।
ये कहना है श्रीमान डॉ जाकिर नाइक का।
Peace T. V. के एक प्रोग्राम मैं डॉ नाइक धर्म परिवर्तन करा रहे थे , जगह थी , Azam Campus , Pune. लेकिन क्या जाकिर साहेब ये बता सकते हैं की धर्म परिवर्तन इतना जरुरी क्यों है। और अगर इतना ही जरुरी है तो उन कट्टरपंथियों का दिमाग और दिल परिवर्तन क्यों नहीं करते जो की इस्लाम के नाम पर कलंक है। रोज सैकड़ो लोग मारे जा रहे है, शिया और सुन्नी के नाम रोजाना कत्ले आम किया जा रहा है. पर उनका दिल परिवर्तन क्यों नहीं करते। दो सिखों का सर कलम कर दिया , उनकी क्या गलती थी , क्या वो इन्सान नहीं थे। मुस्लमान अगर अपने धर्म का इतना ही कट्टर है तो क्या धर्म सिर्फ सजा देने के लिए होता है।
मुझे तो लगता है की डॉ नाइक के पूर्वजो ने डॉ नाइक को हिन्दू परिवार मैं पैदा कर के ही गलती की है। डॉ नाइक को भारत से कोई प्यार नहीं है उन्हें सिर्फ अपने धर्म से प्यार है। नाइक के अन्दर से देश भक्ति नहीं बल्कि गद्दारी की बू आती है। अपने ही संस्कार और अपनी ही संस्कृत बेच खाई है डॉ नाइक ने। डॉ नाइक, अगर अपने आप को इतना बड़ा विद्वान समझते है तो धर्म के साथ -साथ अपनी भारतीय संस्कृत का भी प्रचार करते। लेकिन नहीं उन्हें तो अरबियन संस्कृत से प्यार हो गया है।
Saturday, February 20, 2010
हिन्दू कभी भी उग्र नहीं हो सकता
हिन्दू कभी भी उग्र नहीं हो सकता, अगर होता शायद हिंदुस्तान भी एक इसराइल या इराक या इरान या पाकिस्तान या अफगानिस्तान की तरह होता, मगर नहीं ये भारत है, ये वो हिंदुस्तान है जंहा पर ऋषि मुनियों ने जन्म लिया , ये वो भारत है जंहा की मिटटी सिर्फ प्यार की बोली बोलती है। हमारा सनातन धर्म हमें सिखाता है की रिश्तो का मतलब क्या होता है। और येही वजह की हमारी संस्कृत और हमारी सभ्यता दुनिया के लिए एक मिशल है ।
ठाकरे की अपनी कोई जमीन नहीं है , वो तो अपनी जमीन खोज रहा है और वो भी आसमान मैं बैठ कर के , जिसका कोई वजूद नहीं है। ठाकरे कोई हिन्दू आंतकवादी नहीं वो तो मानवता का आंतकवादी है वो तो एक घटिया किश्म का राजनेता है ।
इस्लाम एक तेजी से बढता हुआ धर्म है , इसके मानने वाले ज्यादातर उग्र स्वाभाव के ही लोग है। और मुल्ला या मौलाना लोगो ने इसी का फायदा उठाते हुए भोले भाले मुस्लिम नौजवानों को आंतकवाद की आग मैं झोकं रखा है। मुस्लमान अपने आपको को सिर्फ कुरान के हिसाब से ही चलने के लिए विवश करते हैं , वो कुरान के अन्दर कोई तबदीली नहीं करना चाहते , येही उनकी सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ी कमजोरी भी है। ताकत इस लिए की धर्म के नाम पर पूरी दुनिया मैं मुस्लमान खून खराबा करने के लिए तैयार हो जायेंगे । इस्लामिक अंतकवाद से पूरी दुनिया परेशान हैं। खुद इश्लामिक देश भी।
आज इरान ,इराक अफगानिस्तान, पाकिस्तान में रोज इतने बेगुनाह लोग मारे जाते हैं, रोज इन देशो में सैकड़ों औरते विधवा होती हैं तो हजारो बच्चे अनाथ होते हैं। आये दिन बम धमाको से पूरी दुनिया परेशान हैं। लेकिन इतने के वावजूद भी किसी के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। मौलाना अपनी जगह खड़ा होकर के चिल्ला रहा है तो मुल्ला अपनी जगह।
ठाकरे की अपनी कोई जमीन नहीं है , वो तो अपनी जमीन खोज रहा है और वो भी आसमान मैं बैठ कर के , जिसका कोई वजूद नहीं है। ठाकरे कोई हिन्दू आंतकवादी नहीं वो तो मानवता का आंतकवादी है वो तो एक घटिया किश्म का राजनेता है ।
इस्लाम एक तेजी से बढता हुआ धर्म है , इसके मानने वाले ज्यादातर उग्र स्वाभाव के ही लोग है। और मुल्ला या मौलाना लोगो ने इसी का फायदा उठाते हुए भोले भाले मुस्लिम नौजवानों को आंतकवाद की आग मैं झोकं रखा है। मुस्लमान अपने आपको को सिर्फ कुरान के हिसाब से ही चलने के लिए विवश करते हैं , वो कुरान के अन्दर कोई तबदीली नहीं करना चाहते , येही उनकी सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ी कमजोरी भी है। ताकत इस लिए की धर्म के नाम पर पूरी दुनिया मैं मुस्लमान खून खराबा करने के लिए तैयार हो जायेंगे । इस्लामिक अंतकवाद से पूरी दुनिया परेशान हैं। खुद इश्लामिक देश भी।
आज इरान ,इराक अफगानिस्तान, पाकिस्तान में रोज इतने बेगुनाह लोग मारे जाते हैं, रोज इन देशो में सैकड़ों औरते विधवा होती हैं तो हजारो बच्चे अनाथ होते हैं। आये दिन बम धमाको से पूरी दुनिया परेशान हैं। लेकिन इतने के वावजूद भी किसी के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। मौलाना अपनी जगह खड़ा होकर के चिल्ला रहा है तो मुल्ला अपनी जगह।
Tuesday, February 16, 2010
इस्लाम और ब्याज,
इस्लाम और कुरान के जानकारों का मानना है की इस्लाम में ब्याज के लेन और देन दोनों ही गैर इश्लामिक है। भारतीय मुसलमानों के अन्दर एक बड़ा तबका ब्याज का विरोध करता है , लेकिन इन्ही में से कुछ लोग ब्याज के लेन -देन पर सहमत भी हैं। लेकिन मैंने देखा है की ये सब बाते सिर्फ हमारे हिंदुस्तान में ही है। भारत के अन्दर मुस्लमान दुसरे नंबर पर है , लेकिन दुनिया के कई देशो में उनकी जन्शंख्या १०० % तक है।
अगर में बात करू पाकिस्तान, इराक, इरान, दुबई, सउदी अरब की तो आप देखेंगे की इन देशो में भी ब्याज का लेन देन शुरू हो चूका है। इन देशो के अन्दर आज की तारीख में कुछ अच्छी तरह से होम लोन, कार लोन, आदि आदि ब्याज पर लिए और दिया जा रहा है।
सउदी अरब के अन्दर बैंको की लिस्ट ।
अगर में बात करू पाकिस्तान, इराक, इरान, दुबई, सउदी अरब की तो आप देखेंगे की इन देशो में भी ब्याज का लेन देन शुरू हो चूका है। इन देशो के अन्दर आज की तारीख में कुछ अच्छी तरह से होम लोन, कार लोन, आदि आदि ब्याज पर लिए और दिया जा रहा है।
सउदी अरब के अन्दर बैंको की लिस्ट ।
Al Jazira Bank | |
Arab National Bank | |
Al Rajhi Banking & Investment Corp. | |
Riyadh Bank | |
Saudi American Bank | |
Saudi British Bank | |
Saudi Cairo Bank | |
Saudi French Bank | |
Saudi Hollandi Bank | |
Saudi Investment Bank | |
The National Commercial Bank | |
United Saudi Commercial Bank |
और इसी तरह से इन इस्लामिक देशो में Insurance Co. का काम भी बहुत ही अच्छी तरह से चल रहा है। लेकिन हमारे हिन्स्तान के कुछ मुस्लमान भाई अभी भी उसी पुरानी परंपरा को निभा रहे हैं। लेकिन बड़े ही संयोग की बात है की जो प्रमुख इश्लामिक देश है, उन्होंने समय के हिसाब से अपने आप को बदल लिया।
Thursday, February 11, 2010
मेरा नाम है अजय कुमार झा- कोई शक
अगर आप के दिल मैं कोई शक है तो बताइए , नहीं तो मान जाइये की जो मैं कह रहा हूँ सही कह रहा हूँ, है किसी मैं दम जो इतनी बड़ी पोस्ट लिख दे और वो भी बिलकुल सिलसिलेवार नहीं ना , तो फिर मान जाइये।
आखिर अजय जी की मेहनत की कोई भाई तो तारीफ करे इतना बड़ी ब्यवस्था और इतना साफ सुथरा, अरे ये कोई नबाबी शहर थोड़े है जो की लोग .........................
भाई कमाल की ब्यस्था की थी अजय भाई ने, मानना पड़ेगा, उनको और उनकी ब्यस्था को ,
बस दुःख है तो इसी बात का की मेरी फोटो सिर्फ एक बार पोस्ट की गई है जबकि कई ब्लोगेरो ने अपनी अपनी तरह से सबकी फोटू खिची थी।
आखिर अजय जी की मेहनत की कोई भाई तो तारीफ करे इतना बड़ी ब्यवस्था और इतना साफ सुथरा, अरे ये कोई नबाबी शहर थोड़े है जो की लोग .........................
भाई कमाल की ब्यस्था की थी अजय भाई ने, मानना पड़ेगा, उनको और उनकी ब्यस्था को ,
बस दुःख है तो इसी बात का की मेरी फोटो सिर्फ एक बार पोस्ट की गई है जबकि कई ब्लोगेरो ने अपनी अपनी तरह से सबकी फोटू खिची थी।
Thursday, February 4, 2010
वैदिक -वेद और विज्ञानं.
वैदिक -वेद और विज्ञानं , आज जरुरत है तो इन विषयों पर गहन अध्यन की । आज पूरी दुनिया वेदों की उपयोगिता पर जोर दे रही है। हिटलर ने द्वितीय विश्व युध से पहले हमारे चारो वेदों का जर्मन भाषा मैं अनुवाद कराया था। आज पूरी दुनिया मैं जो अविष्कार हो रहे है वो कंही न कंही वेदों पर आधारित फोर्मुले पर टिके है। चाँद और सूरज की पृथ्वी से दुरी हो या मौषम की जानकारी, शुन्य का मतलब हो या मैथ के फोर्मुले। गंगा जल की उपयोगिता हो या पीपल, तुलसी, नीम जैसे चमत्कारी पौधों का विवरण हो या गाय की उपयोगिता। हमें समझाना चाहिए जिंदगी जीने का मकसद क्या है, योग के बारे मैं जानकारी हो या इन्द्रियौं को वश मैं क्यों करते थे ऋषि मुनि इसका जबाब जानने के पढना चाहिए हमें वेद या हमारे धार्मिक ग्रन्थ।
Tuesday, February 2, 2010
शिव + सेना = अकेले ठाकरे जिंदाबाद.
ना शिव रहे न सेना अकेले ठाकरे जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं ठाकरे के परिवार के लोग और उनके पालतू गुण्डे। शिव जी ने तो उनका साथ छोड़ ही दिया क्योंकि ठाकरे साहेब ने उत्तर भारतियों के खिलाफ आग जो उगलनी शुरु कर दी है, अब बाबा भोले नाथ ठहरे उत्तर भारतीय, क्योंकि वो रहते हैं अमर नाथ की गुफा मैं या कैलास पर्वत पर या काशी मैं। और जब भोले जी साथ छोड़ गए तो उनके सैनिक क्या करेंगे। रह गए अकेले ठाकरे और उनका परिवार, कुछ काम तो है नहीं, मंदिर मुद्दा ठप पड़ा है, मराठी मुस्लमान अब कोई दंगा कर नहीं रहे हैं अब बेचारो के पास कोई काम तो है नहीं, सोचा की हम मराठी मानुष खाली कैसे बैठ जाये, चलो कुछ तो करे।
और इसी धुन मैं पूरी मुंबई मैं मराठी सिखने का ककहरा बटवा दिया। और चिल्लाने लगे , ठाकरे साहेब जिंदाबाद.
अरे बेवकुफो अगर नफरत करनी है तो किसी विदेशी भाषा से करो। हिंदी तो हमारी आन -बान और शान है।
और इसी धुन मैं पूरी मुंबई मैं मराठी सिखने का ककहरा बटवा दिया। और चिल्लाने लगे , ठाकरे साहेब जिंदाबाद.
अरे बेवकुफो अगर नफरत करनी है तो किसी विदेशी भाषा से करो। हिंदी तो हमारी आन -बान और शान है।
दिल्ली है गांवो का शहर.
दिल्ली देश की राजधानी , पूरी दुनिया मैं मशहूर अपनी दिल्लगी के लिए , जो आया इधर का ही हो के रह गया , हवा पानी सब सुन्दर , इस लिए तो मैं कह रहा हूँ की दिल्ली एक गांवो का शहर है।
वैसे सचमुच अगर देखा जाय तो किसी और शहर की अपेछा दिल्ली मैं गांवो की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जैसे गाजीपुर गाँव , कोंडली गाँव, चिल्ला गाँव, कोटला गाँव, और बहुत से गाँव और गाँव भी ऐसे जिसमे एक भी किशान नहीं रहता है, सब के सब आधुनिक धंधे और व्यवसाय से जुड़े हुए, गरीब और अमीर रहते है।
तभी तो लोग कहते हैं की दिल्ली मैं अगर आप रहना चाहते है तो यंहा ५०० रूपये से ५०००० रूपये तक का कमरा या बंगला किराये पर मिल सकता है। और तो और भोजन की भी अच्छी व्यस्था है आप १० रूपये मैं भी भर पेट भोजन कर सकते हैं।
तभी तो मेरे दिमाग मैं ख्याल आया की दिल्ली है गांवों का शहर।
वैसे सचमुच अगर देखा जाय तो किसी और शहर की अपेछा दिल्ली मैं गांवो की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जैसे गाजीपुर गाँव , कोंडली गाँव, चिल्ला गाँव, कोटला गाँव, और बहुत से गाँव और गाँव भी ऐसे जिसमे एक भी किशान नहीं रहता है, सब के सब आधुनिक धंधे और व्यवसाय से जुड़े हुए, गरीब और अमीर रहते है।
तभी तो लोग कहते हैं की दिल्ली मैं अगर आप रहना चाहते है तो यंहा ५०० रूपये से ५०००० रूपये तक का कमरा या बंगला किराये पर मिल सकता है। और तो और भोजन की भी अच्छी व्यस्था है आप १० रूपये मैं भी भर पेट भोजन कर सकते हैं।
तभी तो मेरे दिमाग मैं ख्याल आया की दिल्ली है गांवों का शहर।
Monday, February 1, 2010
भारत मैं अब कोई शुगर का मरीज नहीं मिलेगा।
भारत मैं अब कोई शुगर का मरीज नहीं मिलेगा। उसका उपाय अपने आप ही हो गया है, बस इंतजार है तो कुछ समय का और वो समय अपने आप ही आ गया है। है न मजेदार बात फ्री मैं इलाज।
दरअसल पहले तो महंगी हुई थी चीनी, अब महंगा हो गया है दूध तो भैया अब भाग गया है शुगर बीमारी का भूत।
अब लोग काम चाय पिया करेंगे। पहले क्या होता था की मेरे घर मैं कोई भी आ जाय मैं उसको जबरदस्ती चाय पीने के लिए कहता था, और उस के चक्कर मैं रोज लगभग दो किलो दूध ख़त्म हो जाता था, और भाई मैं क्या करता मेहमान की इज्जत तो करनी है ना , लेकिन अब जमाना बदल गया है, अब मेरे घर मैं लेमन टी बनने लगी है, और लेमन टी पीना सबके बस की बात तो है नहीं। ( किसी किसी को स्वाद अच्छा नहीं लगता)
तो बच गई ना चीनी और जब चीनी बच गई तो हम भी और हमारे लोग भी बच गए शुगर से, और मैं तो आप लोगो से भी ये ही कहूँगा की आप भी इसी फार्मूले पर चले चीनी और दूध दोनों बचाए और बीमारी भगाए और पैसे बचाए।
अच्छा लगे तो बताईयेगा।
दरअसल पहले तो महंगी हुई थी चीनी, अब महंगा हो गया है दूध तो भैया अब भाग गया है शुगर बीमारी का भूत।
अब लोग काम चाय पिया करेंगे। पहले क्या होता था की मेरे घर मैं कोई भी आ जाय मैं उसको जबरदस्ती चाय पीने के लिए कहता था, और उस के चक्कर मैं रोज लगभग दो किलो दूध ख़त्म हो जाता था, और भाई मैं क्या करता मेहमान की इज्जत तो करनी है ना , लेकिन अब जमाना बदल गया है, अब मेरे घर मैं लेमन टी बनने लगी है, और लेमन टी पीना सबके बस की बात तो है नहीं। ( किसी किसी को स्वाद अच्छा नहीं लगता)
तो बच गई ना चीनी और जब चीनी बच गई तो हम भी और हमारे लोग भी बच गए शुगर से, और मैं तो आप लोगो से भी ये ही कहूँगा की आप भी इसी फार्मूले पर चले चीनी और दूध दोनों बचाए और बीमारी भगाए और पैसे बचाए।
अच्छा लगे तो बताईयेगा।
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